
मंत्रोच्चारण के साथ सरस्वती तीर्थ के तट पर शुरू हुआ विश्व प्रसिद्घ चैत्र चौदस मेला
एसडीएम सोनू राम व नपा चेयरमैन आशीष चक्रपाणि ने विधिवत रूप से किया गया चैत्र चौदस मेले का उद्घाटन, मेले में नहीं आएगी किसी श्रद्धालुओं को कोई परेशानी, सीसीटीवी कैमरों का हर समय रहेगा पहरा, सूचना प्रसारण केंद्र भी निभाएगा अहम भूमिका
पिहोवा || मंत्रोच्चार व शंखनाद की ध्वनि के बीच पिहोवा सरस्वती तीर्थ के तट पर विश्व प्रसिद्घ चैत्र चौदस मेला शुरू हो गया है। इस मेले में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश तथा आस-पास के राज्यों से लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे। यह मेला 19 मार्च से लेकर 21 मार्च तक चलेगा। इन श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए है। इस मेले का उद्घाटन मेला प्रशासक एवं उपमंडल अधिकारी नागरिक सोनू राम व नगर पालिका के चेयरमैन आशीष चक्रपाणी ने किया।
पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने के उपरांत परंपरा अनुसार मंत्र उच्चारण व शंखनाद की ध्वनि के बीच एसडीएम सोनू राम व नगर पालिका पिहोवा के चेयरमैन आशीष चक्रपाणी ने चैत्र चौदस मेले का शुभारंभ किया और पवित्र जल का आचमन भी किया। एसडीएम सोनू राम ने कहा कि उपमंडल पिहोवा में रविवार 19 मार्च को चैत्र चौदस मेले का शुभारंभ हो चुका है, जोकि 21 मार्च 2023 तक चलेगा। चैत्र चौदस मेला हिंदू-सिख एकता का प्रतीक है, जिसमें देश भर से लोग अमावस के अवसर पर स्नान करते हैं तथा अपने पितरों की आत्मा का शांति के पिंडदान व पूजा-पाठ करवाते हैं। चैत्र चौदस मेले के पहले दिन भारी संख्या में लोग मेले में पहुंच रहे हैं तथा आगामी दो दिनों में लगभग पांच लाख से भी अधिक लोगों की मेले में पहुंचने की संभावना हैै।
उन्होंने कहा कि विश्व विख्यात चैत्र चौदस मेले का धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। कुरुक्षेत्र की परिधि में पड़ने वाले तीर्थों में सर्वाधिक महत्व पृथुदक तीर्थ को माना गया है। वामन पुराण के अनुसार वेन के पुत्र पृथु के नाम से इस तीर्थ का नाम पृथुदक हुआ। राजा वेन धर्म से विमुख हो गया था, जिस कारण ऋषियों ने उसे श्राप देकर मार दिया था। फिर उसके शरीर का मंथन किया गया, जिससे भगवान विष्णु के नौवें अंश पृथु पैदा हुए। राजा पृथु ने जिस स्थान पर अपने पितरों को उदक यानि जल दिया, वह स्थान पृथु-उदक यानि पृथुदक नाम से प्रसिद्घ हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस तीर्थ में स्नान का अति महत्व माना गया है। यहां स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते है तथा व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ की फल की प्राप्ति के साथ-साथ स्वर्गलोक भी प्राप्त हो जाता है।
उन्होंने कहा कि चैत्र-चौदस मेला उपमंडल पिहोवा के सभी लोगों के साथ-साथ देश के सभी लोगों का मेला है। इस अवसर पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मेले में आते हैं तथा परंपरागत तरीके से अमावस के समय स्नान करते हैं। चैत्र चौदस मेले के साथ लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। श्रद्धालुओं के लिए मेला प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की व्यवस्था की जा चुकी हैं। मेले में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य घाट पर बने प्रशासनिक खंड में अधिकारियों द्वारा सीसीटीवी कैमरों द्वारा रखी जा रही नजर का कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, बड़ी एलईडी स्क्रीन से हर सैक्टर पर नजर रखी जा रही है।
चेयरमैन आशीष चक्रपाणी ने कहा कि चैत्र चौदस मेले में देश के विभिन्न राज्यों से लोग उपमंडल पिहोवा में आएंगे। चैत्र चौदस मेले के अवसर पर सूचना प्रसारण केंद्र की स्थापना की गई है, जो समय-समय पर घोषणाओं के माध्यम से सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों व उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाते हैं। इस मौके पर तहसीलदार प्रियंका, नायब तहसीलदार सुरेश कुमार, नपा सचिव गुलशन कुमार, समाजसेवी मोहित शर्मा, पार्षद रविकांत कौशिक, प्रिंस गर्ग, आर कुमार सहित अन्य अधिकारी व गणमान्य लोग मौजूद थे।
