
फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद-एसड़ीएम अशोक कुमार
इन्द्री विजय काम्बोज
हरियाणा सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को चलाई जा रही योजनाओं का असर किसानों पर दिखाई देने लगा हैं, जहां किसान तेजी से फसल अवशेष प्रबंधन के तरीकों को अपना रहा हैं। उसी तेजी से जिले में पराली में आग लगाने की घटनाओं में काफी कमी दर्ज की जा रही है। वहीं इस बार जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि पराली में आग लगाने की घटनाओं में काफी कमी दर्ज की जाएगी। इन्द्री हल्के में भी पराली अवशेष को लेकर किसान जागरूक हो रहे है। उपमंडल के गांव सांतडी के रहने वाले जागरूक किसान अश्वनी ने बताया कि वो पिछले 6 सालों से पराली प्रबंधन कर रहा है जिसके आज सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे है। पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी देखी जा रही है। किसान जागरूक हो रहा है, क्योंकि कृषि कल्याण विभाग लगातार गांव दर गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रहे है। उन्होंने कहा कि शुरूआत में उन्होंने एक मशीन ली थी जिसपर कृषि विभाग द्वारा अनुदान के रूप में सब्सिीड़ी दी गई है। अब उनके पास कुल 6 मशीने है जिनके द्वारा वो लगभग साढ़े 6 हजार एकड़ कवर कर रहे है तथा उनका इस बार का जिले भर से 15 हजार एकड़ से पराली प्रबंधन करने का लक्ष्य है है। किसान अश्वनी ने कहा कि पराली जलाने से जहां प्रदूषण बढ़ता है, वहीं जमीन के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते है। अगली फसल लगाने पर अच्छी पैदावार तक नहीं हो पाती है। दूसरी ओर सरकार प्रति एकड़ एक हजार रूपयों का अनुदान भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आग लगने की घटनाओं में काफी कमी आई हैं। किसानों से अनुरोध है कि इनसीटू या एक्ससीटू के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन करें। उन्होंने कहा कि अब तो आईसीयूएल भी पराली की गांठों को ले रहा है। एक एकड़ में 15 मिनट का समय लग जाता है। अश्वनी ने बताया कि हम पेपर मिल या प्लाई इड्रस्टीज में सप्लाई करते है जिनका रेट सरकार द्वारा
वहीं शीशपाल किसान ने कहा आग लगने की घटनाओं में कमी आई है। यह मशीन ऑटोमेटिक है ओर इससे भूमि की ऊपजाऊ शक्ति बनी रहती है, प्रदूषण पर रोक लगी है। पराली जलाने के केस बहुत कम है। उन्होंने कहा कि किसान धीरे धीरे जागरूक हो रहा है। एक दिन में करीब 25 एकड़ तक कवर तक लेते है। अगर कोई किसान फसल अवशेष प्रबंधन के तरीके अपनाता है ओर हमारे पास संपर्क करता है तो 3 से चार दिन लग जाते है। इस बारे में इन्द्री कि एसड़ीएम अशोक कुमार ने बताया कि अवशेष प्रबंधन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। इसके लिए जिले व ब्लाक स्तर पर टीमें बनाई गई है जोकि गांवों में जाकर किसानों को जागरूक करने का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि वो खुद भी गांवों में जाकर इस पर नजर रख रहे है। एसडीएम अशोक ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के परिणाम अच्छे आ रहे है। किसानों को अनुदान राशि वाली मशीनें दी जा रही है।
