
इन्द्री|| खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय के सभागार में किसान वेलफेयर कल्ब इन्द्री द्वारा किसान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारियों ने प्रतिशील किसानों को मेरी फसल, मेरा ब्यौरा, फसल अवशेष न जलाने, हरी खादों, धान की सीधी बिजाई, सब्जियां एवं फलदार पौधों से होने वाले लाभ, किसानों को मोटे अनाज के बारे एवं फसलों को कीडों से बचाव के बारे विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान वेलफेयर कल्ब के प्रधान चरण सिंह मढ़़ान ने की। खंड कृषि अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार नेे जागरूकता कार्यक्रम में बताया कि कृषि से जुड़े सभी अधिकारियों की जिम्मेवारी बनती है कि वे किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कृषि फसलों पर दिए जाने वाले अनुदानों की जानकारी दें। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को अपने सुझाव व किसानों से उनके सुझाव भी लिए कि किसान कैसे अधिक उत्पादन बढाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकता है। उन्होंने किसानों को बताया कि किसान द्वारा धान की सीधी बिजाई करने से समयनुसार खरपतवार पर नियंत्रण कर अपनी अच्छी उपज ले सकेगा। इस विधि से पानी की भी बचत होती है। उन्होंने किसान पारम्परिक विधि से धान की पौध तैयार करके धान की रोपाई खेत में करते हैं। जिसमें पानी की खपत बहुत ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त धान की रोपाई करने में श्रम भी अधिक लगता है जिससे धान की खेती पर होने वाले खर्च में वृद्धि होती है। बैठक में प्रगतिशील किसान सतीश ननदी ने किसानों को बताया कि उसने पिछले वर्ष 11-12 एकड भूमि मे धान की सीधी बिजाई की थी, जिससे 31.5 क्ंिवटल प्रति एकड पैदावार हुई थी। इसलिए किसान धान की सीधी बिजाई कर अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भूमि में हरी खादों का प्रयोग करना चाहिए। हरी खाद का प्रयोग करने से न केवल हमारी पैदावार में बढ़ोतरी होगी बल्कि हमारा पर्यावरण भी शुद्घ होगा। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को हरी खाद बनानेके लिए ढैंचे एवं मूंग का बीज अनुदान राशि पर प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज हमारा भूजल का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है और यदि हमें समय रहते इस ओर ध्यान न दिया तो हमें आने वाले दिनों में पानी की समस्या का सामना करना पडेगा इसलिए हमें धान की सीधी बिजाई को अपनाना होगा।
खंड कृषि अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार ने कहा कि हमारा खान-पान व रहन-सहन बहुत ही दूषित हो गया है और खान-पान की वजह से हमें आज अनेक भंयकर बिमारियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि हमें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना है तो हमें अपने खान-पान में परिवर्तन करना होगा। उन्होंने सभी लोगों से आह्वïान किया कि यदि हमें भविष्य में स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार को स्वस्थ रखना और बीमारियों से बचाना है तो हमें अपने खान-पान में ज्वार, बाजरा, मंडवा, चलाई, चेना, रागी, कंगनी आदि मोटे अनाज को शामिल करना होगा। उन्होंने फसलों में होने वाली बीमारियों के बचाव के अलावा और फसलों में उपयोग होने वाली दवाईयों के इस्तेमाल के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर एसीडीओ डॉ. प्रवीन जोशी, कृषि विकास अधिकारी सतीश कुमार, सचिन काम्बोज, सहित विभिन्न गांवों से आए प्रगतिशील किसान भी उपस्थित रहें।
