
इन्द्री विजय काम्बोज
उपमंडल के गांव सैयद छपरा में शिया समुदाय के लोगों द्वारा मजलिसो का आयोजन किया जा रहा है जिसकी अगुवाई अंजुमन यादगारे हुसैनी कमेटी द्वारा की जा रही है। इस मौके पर मौलाना इब्ने अब्बास बुकनालवी ने कहा कि दहशतगर्दी के खिलाफ इंसानियत की भलाई के लिए व समाज को बेहतर बनाने के लिए अपने परिवार के साथ बलिदान देने वालों का नाम इतिहास में इमाम हुसैन बताया है। मौलाना ने बताया कि पूरी दुनिया में शिया समुदाय के लोगों द्वारा धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है जिसमें अपने पूर्वजों का इतिहास दोहराया जाता है कि हमारे पूर्वज कितने ईमानदार और बहादुर थे व जिन्होनें इंसानियत के लिए कितना काम क्या है। हम अपनी मजलिसो में यही इतिहास सुनाते हैं। इतिहास के अंदर इमाम हुसैन अपने परिवार सहित 72 साथियों के साथ दहशतगर्द, आंतकवाद, व जुर्म के खिलाफ खड़े हुए थे और उस समय एक राक्षस बादशाह हुआ करता था। वह बादशाह अन्याय व जुर्म करता था। इमाम हुसैन उस बादशाह के खिलाफ खड़े हुए थे और इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ कुर्बानी दी थी। मौलाना ने कहा कि मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन ने जुल्म के खिलाफ अपना भरा घर लुटा दिया और भूखे प्यासे रहे मगर जुल्म के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया था। इस मौके पर अंजुमन यादगारे हुसैनी के संयोजक रजा अब्बास, अली रहमान, असद रजा, समीम अब्बास, नईम हैदर, अली जहीर, अली अब्बास, मजाहिर हसन, अजादार हुसैन, आदि मौजूद रहे।
