
इन्द्री ।। निपुण मिशन हरियाणा की ओर से चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रही प्रशिक्षण कार्यशाला के चौथे दिन अध्यापकों के तीनों समूहों में अलग-अलग विषयों पर केआरपी द्वारा पढऩे पढ़ाने के तौर-तरीकों पर जानकारी दी गई। केआरपी धर्मेंद्र चौधरी ने अंग्रेजी विषय के बारे में अध्यापकों से अनुभव सांझा करते हुए कहा कि बच्चों को उनके आसपास के वातावरण में दिखने वाली वस्तुओं का हिंदी में परिचय करवाते हुए उन वस्तुओं के अंग्रेजी में नाम बताकर उनका अभ्यास करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करवाने से बच्चों के शब्द भंडार में वृद्धि होगी और बच्चे अंग्रेजी सीखने में रुचि लेने लगेंगे। प्रशिक्षक एवं केआरपी रविंदर शिल्पी ने अध्यापकों को गणित विषय की खूबियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि समाज में ऐसे अनेकों उदाहरण हैं जिनको देखकर आश्चर्य होता है कि एक व्यक्ति जिन्होंने कभी गणित विषय की शिक्षा हासिल नहीं की लेकिन वह अपने जीवन में गणित को व्यवहार में प्रयोग करके सफल उद्यमी, व्यापारी बन जाते हैं। ऐसे लोगों से हमें सीख लेनी चाहिए कि गणित विषय सिर्फ पठन-पाठन के लिए ही नहीं बना है यह एक व्यवहारिक विषय है। हमारी दैनिक गतिविधियों में गणित का खूब इस्तेमाल होता है लेकिन किताबी गणित को जब हम करने बैठते हैं तो क्यों उलझ जाते हैं? उन्होंने कहा कि यह विषय की कठोरता नहीं, बल्कि विषय को समझाने वाले व्यक्तियों की दिक्कत है। राजमिस्त्री जो कभी स्कूल नहीं गया वो गणित का व्यवहारिक प्रयोग करता है उसमें इंजीनियरिंग की समझ का प्रयोग भी करता है। उन्होंने कहा कि माप तोल, गणना करना, आकृतियों की समझ, तथा जोड़, घटा संख्याएं सभी शामिल करते हुए वह सफल कुशल कारीगर की तरह जीवन जीता है। उन्होंने कहा कि गणित सिखाने के लिए हमें बच्चे के आसपास से उदाहरण लेकर उनके बीच चर्चा करनी चाहिए ताकि बच्चा अपने अनुभव भी शामिल करते हुए सीख सके। प्रशिक्षण कार्यशाला में डॉ.बारू राम, नीतू,कविता कंबोज, निशा कंबोज ने बच्चों को रोचक और आनंददायी वातावरण निर्मित करके सिखाने पर बल देते हुए अध्यापकों को प्रेरित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अंजू मलिक, निशा, सुनंदा युगल किशोर,कविता ,सविता कम्बोज, शैलजा ,सुखविंदर सिंह,पूजा मोनिका, प्रियंका,रीना एबीआरसी शामिल हुए।
