बच्चे की प्रकृति को पहचान कर ही उन्हें निर्धारित हौसलों में दक्ष बनाया जा सकता है-वंदना परूथी

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इन्द्री ।। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय इन्द्री में निपुण मिशन हरियाणा की ओर से खंड के 120 अध्यापकों का प्रशिक्षण बीआरसी उर्वशी विज की अध्यक्षता में तीन समूहों में शुरू हुआ। बच्चों को हिंदी, इंग्लिश पढऩे तथा गणित में निर्धारित दक्षता हासिल करने के लिए अध्यापकों को जरूरी ज्ञान देने के उद्देश्य से खंड के सभी अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी बनाया गया है। निपुण कार्यक्रम के अंतर्गत शुरू हुई प्रशिक्षण कार्यशाला में  केआरपी के रूप में बीआरपी रविंद्र शिल्पी, धर्मेंद्र चौधरी, कविता कांबोज,नीतू ,निशा कंबोज व डॉक्टर बारू राम ने अध्यापकों को हिंदी गणित व अंग्रेजी विषय की बारीकियों से अवगत कराया। प्रशिक्षण कार्यशाला में औचक निरीक्षण करने पहुंची जिला परियोजना संयोजक वंदना परुथी ने सभी समूहों में मुख्य स्रोत व्यक्तियों द्वारा अध्यापकों को जिए जा रहे प्रशिक्षण की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चा सीखने की भूख रखता है। हमें बच्चे की भूख को पहचान कर उन्हें हिंदी, गणित और अंग्रेजी विषय में निर्धारित कौशलों में निपुण बनाना है। उन्होंने कहा कि बच्चे के व्यक्तिगत विकास के लिए निष्ठा और समर्पण भाव से कार्य करना होगा। बच्चों की रुचियां भिन्न हो सकती हैं। उन्हें पढ़ाने के तरीके भिन्न हो सकते हैं लेकिन उनको सिखाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चे की प्रकृति को पहचान कर ही उन्हें निर्धारित हौसलों में दक्ष बनाया जा सकता है। बीआरसी उर्वशी विज ने कार्यशाला में अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि अभिभावक, अध्यापक व समाज मिलकर ऐसा माहौल बनाएं जिसमें बच्चों के पढऩे लिखने व सीखने के माहौल बनाने को बल मिले। उन्होंने कहा कि मेहनती अध्यापक शिक्षा विभाग की  शोभा हैं। कार्यशाला में अध्यापक अश्वनी भाटिया को सम्मानित किया गया। इन अध्यापकों की प्रेरणा से अन्य अध्यापक भी लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक ज्ञान रखने वाले बच्चे सबको प्रिय होते हैं और उनके अध्यापकों को भी समाज में बहुत सम्मान मिलता है। उन्होंने निपुण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए साझे प्रयासों की जरूरत पर बल दिया। जिला एफएनएन संयोजक विपिन शर्मा तथा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के वरिष्ठ प्राध्यापक करनैल सिंह ने भी कार्यशाला का अवलोकन किया और जरूरी टिप्स दिए। प्रशिक्षण कार्यशाला में खंड शिक्षा अधिकारी अंजू सरदाना ने कहा कि बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए हमें खुद व्यवहारिक बनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अध्यापक निर्धारित योग्यता हासिल करने के बाद ही अध्यापक बना है लेकिन समय के साथ साथ शिक्षा विभाग की नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए हमें अपटूडेट होना पड़ता है। कार्यशाला में सभी एबीआरसी ने निर्धारित भूमिकाओं का निर्वहन कर कार्यशाला को सफल बनाया।