शिया समुदाय की ओर से मजलिसों का हो रहा है आयोजन

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इन्द्री विजय काम्बोज
उपमंडल के गांव सैयद छपरा में शिया समुदाय की ओर से आयोजित मजलिस में लोगों को संबोधित करते हुए मौलाना इब्ने अब्बास बुकनालवी ने कहा कि कर्बला की घटना अपने आप में निंदनीय है।  मौलाना ने कहा कि मोहर्रम को हजरत इमाम हसन के 13 वर्षीय हजरत कासिम की शहादत का गम मनाया जाता है। कर्बला के मैदान में यजीद की फौज ने शहजादे कासिम को शहीद करके उनकी लाश को घोड़ों की टापो से कुचल दिया था। उन्होंने बताया कि मोहर्रम से ही यजीदीयो ने हुसैनीयो पर जुल्म ज्यादा बढ़ा दिए थे। उस समय बहुत ज्यादा गर्मी थी इसके बावजूद भी उनका पानी बंद कर दिया गया। 3 दिन की भूख प्यास की शिद्दत में परिवार और साथियों के साथ दी गई कुर्बानियों को याद करके अजादार गम -ए-हुसैन में डूब गए। हजरत कासिम की शहादत का दर्दनाक मंजर सुन अजादार बेकरार हो उठे। नम आंखों से अजादारो ने आंसुओं का पुरशा पेश किया गया। मजलिस के फौरन बाद जनाबे हजरत कासिम का ताबूत उठाया गया। ताबूत के फौरन बाद अंजुमन यादगारे हुसैनी ने नोहे पेश किए। इस मौके पर अंजुमन यादगारे हुसैनी के संयोजक रजा अब्बास, समीम अब्बास, अली रहमान, शकील हुसैन, अली अब्बास, नईम हैदर, असद रजा, अली जहीर, शौकत अब्बास, मोहम्मद नकी, मोहम्मद कासिम आदि मौजूद रहे।