
नारायणगढ़,हरियाणा। रेखा वर्मा
किसानों के गन्ने की लगभग 100 रूपये की बकाया पेमेंट को लेकर नारायणगढ शुगर मिल पर क्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसान बड़ी संख्या में मिल के सामने इकठ्ठा हुए और किसानों ने उनके कहे अनुसार क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी। आज पहले दिन भूख हड़ताल में बीकेयू शहीद भगत सिंह के उपाध्यक्ष विक्रम राणा, संयुक्त गन्ना किसान कमेटी के गुरविंदर सिंह जटवाड, एस के एम इंक़लाब मंच के धर्मवीर ढींडसा युवा किसान रजत सिंह व गुरतेज रछेडी बैठे हालांकि किसानों ने भूख हड़ताल की शुरुवात क्रमिक तौर पर की लेकिन उनका कहना था कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो वो सख्त फ़ैंसला लेने पर मजबूर होंगे।
इस दौरान मोजूद किसानों ने सरकार व प्रशासन विरोधी नारेबाजी की किसानो का कहना है कि उनका 100 करोड़ रूपये से ज़्यादा मिल की तरफ बकाया है और कानूनन प्रशासन व् सरकार की जिम्मेवारी किसानों का बकाया भुगतान मिल में गन्ना पहुंचने के 14 दिन के अन्दर करवाने की है लेकिन प्रशासन के ढूलमूल रवैये व मिल के साथ मिलीभगत होने के कारण किसानों का बकाया भुगतान समय पर नहीं होता 7 सरकार व प्रशासन इस मामले में अपनी जिम्मेवारी से नहीं बच सकते।
गोरतलब है कि किसानों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर प्रशासन व् मिल प्रबंधन द्वारा कोई ठोस आश्वासन या लिखित आश्वासन किसानो की उनकी बकाया पेमेंट के बारे में व्यवस्था बनाकर नहीं दिया गया तो वह मिल पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे और पक्का मोर्चा लगायेंगे जिसकी सीधी जिम्मेवारी मिल प्रबंधन व प्रशासन की होगी और इस अनुसार उन्होंने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर भी दी।
क्या बोले किसान नेता : एसकेएम इंकलाब मंच के संयोजक धर्मवीर ढींडसा ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को तिल तिल कर मारना चाहती है जिसकी शुरुवात उन्होंने ख़ुद क्रमिक भूल हड़ताल को शुरू करके कर दी है मिल मुनाफ़े में चल रहा है लेकिन किसानों का बकाया भुगतान जान बूझकर नहीं किया जा रहा है नारायणगढ चीनी मिल की समस्या का अब स्थाई हल निकालने का समय आ चूका है और अब किसानो के पास करो या मरो की नीति के अलावा कोई और चारा नहीं बचा 7 प्रशासन व मिल प्रबंधन अगर समय रहते नही चेता तो किसान कोई सख्त फ़ैसला भी ले सकते हैं ।
बीकेयू शहीद भगत सिंह के उपाध्यक्ष विक्रम राणा ने कहा कि ये समस्या जानबूझकर पैदा की गई है और प्रशासन को इस मामले में तुरंत कारवाई करते हुए किसानो का बकाया भुगतान करवाना चाहिए वर्ना सख्त फैंसला लेने पर किसान मजबूर होंगे।
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