
बाबैन अनाजमंडी में आलु के घटते दामों को लेकर किसानों में भारी रोष
बाबैन(रवि कुमार): दिनोंदिन आलू के घटते दामों को लेकर किसानों में भारी रोष पनप रहा है और किसान को उसकी फसल की दूगने दाम करने को लेकर भाजपा सरकार के दावों की पोल खुलकर जनता के सामने आ रही है। उपरोक्त शब्द लाडवा विधायक मेवा सिंह ने बाबैन में कोंग्रेसी नेता संजीव भूखड़ी के कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को आलू की फसल में मुनाफा कमाना तो दूर की बात फसल को तैयार करने पर आया हुआ खर्चा भी पूरा करने के भी लाले पडते दिख रहे हंै जबकि पहले ही किसान की फसल सही दामों पर न बिकने से किसान के लिए खेती करना घाटे का सौदा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि आलू कि पैदावार हाने से पूर्व आलु की फसल तैयार करने में किसानों का लगभग 30 से 35 हजार रूपये प्रति एकड़ खर्च आ चुका है जबकि आलु के कम दामों में बिकने से किसान को मुनाफा होना तो दूर की बात, किसान को फसल पर किया हुआ खर्च भी पूरा करना मुश्किल हो रहा है। मेवा सिंह ने कहा कि इस बार आलू की फसल 50 रूपए प्रति क्विटल बिक रही है जिसे किसान भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। मेवा सिंह ने कहा कि मेरी सरकार से मांग है इस बार सरकार किसान को आलू की फसल का 500 रूपए प्रति क्विटल मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि किसान जिसे अन्नदाता कहा जाता है आज अगर वही परेशान होगा तो देश कैसे तरक्की करगा। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा फसलों को तैयार करने में आने वाली लागत को देखते हुए फसल का न्युन्तम मुल्य तय किए जाने से किसान को राहत मिल सकती है लेकिन भाजपा अपने किए वायदों से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही किसानों के हित को देखते हुए कदम नहीं उठाया तो उन्हें किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए सडकों पर उतरने के लिए मजबूर होना पडेगा। मेवा सिंह ने कहा कि भावंातर योजना में पोर्टल करवाने के बावजूद किसानों का पैसा काफी समय तक नही पहुंचा जो सरकार की नाकामी साबित हो रही है। इस मौके पर संजीव भूखड़ी, भगवंत विर्क, पूर्व सरपंच दीपक मोरथला, राजू ईशरहेड़ी, नैब कश्यप, कर्मबीर भूखड़ी व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
