परमात्मा आनंद का वास्तविक स्त्रोत है : सुमन भारती

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बाबैन(रवि कुमार): दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा गांव फालसड़ा में चार दिवसीय श्री हरि कथा का आयोजन किया गया। श्री हरि कथा के तीसरे दिन श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्य साध्वी सुश्री सुमन भारती ने प्रत्येक मनुष्य का स्वाभाविक आंकाशा होती है कि वे सुख शांति के साथ जिये और मनुष्य हमेशा दुखों से घृणा करता है और सुखों के लिए लालयति रहता है। इसलिय मनुष्य सुख के समय केवल बाहय जगत के भौतिक पदार्थो को पाने में लगे रहते है। यही कारण हम दुखों का शिकार हो जाते है। साध्वी सुश्री सुमन भारती ने बताया कि मनुष्य गलत धारणाओं के कारण भौतिकता में सुख खोजने की कोशिश करते है लेकिन वास्तविक सुख भौतिकता के दायरे से परे है। साध्वी सुश्री सुमन भारती ने बताया कि वास्तविक सुख को दिव्यानंद कहते है जो हमारी आत्मा में व्याप्त है। ऐसा सुख केवल दिव्यतत्व के द्वारा की प्राप्त किया जाता है। उन्होंने बताया कि परमात्मा आनंद का वास्तविक स्त्रोत है। इसलिए उसका नाम सच्चिदानंद है। साध्वी सुश्री सुमन भारती ने कहा कि जो मनुष्य को आत्मसाधातकार के दिव्य विज्ञान से धन्य करने की लोकतीत दक्षता रखते है। इस तत्व ज्ञान से प्रभु का दर्शन प्राप्त करने पर ही हम अपने जीवन के वास्तविक लक्ष्य का पूर्ण कर सकते है।