पराली प्रबंधन को लेकर किसानों को सस्ती किराया दर पर मिलेंगे कृषि उपकरण, करनाल के मॉडल को प्रदेश के अन्य जिलों में भी किया जाएगा लागू : एसीएस डॉ. सुमिता मिश्रा

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करीब 8 करोड़ रुपये की लागत से सीएसआर फंड से 75 उपकरण किसानों को डेलॉयट इंडिया कंपनी ने करवाए उपलब्ध, करनाल प्रशासन का सराहनीय प्रयास।
करनाल (विजय काम्बोज )कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कृषि विभाग तथा स्थानीय प्रशासन के प्रयास से फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन को लेकर डेलॉयट इंडिया कम्पनी द्वारा बुधवार को स्थानीय कर्ण लेक पर किसानों को अनुबंध पत्र और फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण के 15 सेट की चाबियां वितरित की। इसके तहत करीब 8 करोड़ रुपये की लागत से 75 उपकरण किसानों को उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन का यह सराहनीय प्रयास है। अगर यह प्रक्रिया सफल रही तो इस मॉडल को प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू करवाया जाएगा ताकि पराली जलाने की घटनाओं को रोका जा सके।

इस मौके पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरमैन डॉ. एमएम कुट्टी, सदस्य सचिव अरविन्द नौटियाल, पर्यावरण विभाग के एसीएस विनीत गर्ग, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेन्द्र राव, सदस्य सचिव प्रदीप डागर, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक नरहरि बांगड़, उपायुक्त करनाल अनीश यादव, नगराधीश अमन कुमार, डेलॉयट इंडिया के पार्टनर विरल ठक्कर, देवाशीष विश्वास, कार्यकारी निदेशक विवेक मित्तल, डीडीए डॉ. आदित्य प्रताप डबास तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ शैलेन्द्र अरोड़ा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
इस अवसर पर उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा डेलॉयट इंडिया के सीएसआर फंड के साथ पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया का पालन करने के बाद ट्रैक्टर, ट्राली, बेलर, हाय रेक, रोटरी स्लैशर्स और लकी सीडर्स के 15 सेट खरीदे गए हैं। उन्होंने बताया कि सीआरएम उपकरण के प्रबंधन के लिए निविदा जारी की गई थी और उचित परिश्रम के बाद, 5 बोलीदाताओं ने प्रक्रिया को योग्य बनाया। उन्होंने कहा कि उन्हें सीआरएम उपकरण की चाबियां सौंपने और अनुबंध पत्र वितरित करने में खुशी हो रही है।
इस मौके पर डेलॉयट इंडिया कंपनी के पार्टनर विरल ठक्कर ने बताया कि वह कंसल्टिंग प्रैक्टिस में भागीदार हैं और डेलॉइट दक्षिण पूर्व एशिया के लिए श्वस्त्र (पर्यावरण, स्थिरता और शासन) पहल का नेतृत्व करते हैं। उन्होंने रणनीति, नवाचार, ईएसजी और सामाजिक प्रभाव, स्थिरता, वैश्विक व्यापार सेवाओं सहित अन्य क्षेत्रों में काम किया है। देवाशीष ने कहा कि वह डेलॉयट इंडिया के कंसल्टिंग प्रैक्टिस के पार्टनर हैं। उन्होंने सतत शहरों, जलवायु परिवर्तन, रणनीति विकास, शहरी नियोजन सुधारों आदि के क्षेत्रों में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व किया है।
उन्होंने बताया कि डेलॉयट इंडिया द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) और वनीकरण के संबंध में हरियाणा सरकार के साथ एक समझौता किया गया है। सीआरएम के हिस्से के रूप में डेलॉयट मार्च 2022 से करनाल जिला में कार्य कर रहा है और जिले में एक पायलट परियोजना पर कार्य कर रहा है। परियोजना के तहत जिले के अंदर प्रभावी और कुशल मल प्रबंधन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को उपकरण उपलब्ध करवाना, अतिरिक्त आईसी गतिविधियों को करने में विभाग की सहायता करना तथा 6 पायलट गांवों काछवा, कुंजपुरा, रम्बा, दरड़, संगोहा और माखूमाजरा में कृषि यंत्र साथी नामक एक मोबाईल एप को रोल आउट करना है। उन्होंने बताया कि गत 23 नवम्बर तक 6 गांवों के 15826 एकड़ भूमि के क्षेत्र को कवर करने वाले 2125 किसानों का सफलतापूर्वक पंजीकरण किया गया है। इसके अलावा सीआरएम उपकरण सेवाओं की आपूर्ति करने वाले 54 उपकरण मालिकों को जोड़ा गया। किराए पर कृषि उपकरण लेने की सेवा को 327 किसानों की मैपिंग 3308 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि डेलॉयट के ठोस प्रयासों तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के समर्थन से जिले में सक्रिय आगजनी की घटनाओं में पिछले वर्ष 69 प्रतिशत की कमी आई है।
 इन किसानों को वितरित किए उपकरण, ट्रैक्टर की चाबी की भेंट।
कृषि उपकरण वितरण कार्यक्रम के तहत एसीएस डॉ. सुमिता मिश्रा ने श्री राधा कृष्ण कृषि सोसायटी के प्रतिनिधि किसान अमरनाथ, जूड किसान कल्याण संघ के प्रतिनिधि किसान अरुण जूड, शक्तिमान एग्रो एजेंसी के संजय शर्मा, शक्तिमान एग्रो एजेंसी के छतरपाल सिंह तथा किसान सोमपाल सिंह को कृषि उपकरण तथा ट्रैक्टर की चाबी भेंट की।