
जिले में गत दिवस करीब 6 लाख 95 हजार 121 मीट्रिक टन गेंहू की हुई आवक
करनाल || उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि जिला की मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है। मंडियों में गेहूं की आवक के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध पहले से ही पूरे कर लिए गए थे। गत दिवस तक जिले में करीब 6 लाख 95 हजार 121 मीट्रिक टन गेहूं की आवक विभिन्न परचेज सेंटरों व मंडियों में हुई जिसे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया। मंडियों से गेहूं उठान तुरंत करवाने के आदेश खरीद एजेंसी को दिए गए हंै।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा गेहूं की खरीद का कार्य 1 अप्रैल से शुरू किया गया। गत दिवस तक जिला में करीब 6 लाख 95 हजार 121 मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में आवक हुई जिसमें से खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 2 लाख 98 हजार 798 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 3 लाख 54 हजार 060 मीट्रिक टन तथा हरियाणा वेयर हाऊस कार्पोरेशन द्वारा 42 हजार 263 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि जो भी किसान मंडी में आए, वह अपने क्रमानुसार ही आएं ताकि समय पर उनकी फसल की खरीद हो सके। उन्होंने कहा कि किसान खेतों में फानों में आग न लगाएं। इससे जहां प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है, वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे फसल अवशेषों में आग न लगाकर उनका सही तरीके से प्रबंधन करें।
करनाल || उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि जिला की मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है। मंडियों में गेहूं की आवक के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध पहले से ही पूरे कर लिए गए थे। गत दिवस तक जिले में करीब 6 लाख 95 हजार 121 मीट्रिक टन गेहूं की आवक विभिन्न परचेज सेंटरों व मंडियों में हुई जिसे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया। मंडियों से गेहूं उठान तुरंत करवाने के आदेश खरीद एजेंसी को दिए गए हंै।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा गेहूं की खरीद का कार्य 1 अप्रैल से शुरू किया गया। गत दिवस तक जिला में करीब 6 लाख 95 हजार 121 मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में आवक हुई जिसमें से खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 2 लाख 98 हजार 798 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 3 लाख 54 हजार 060 मीट्रिक टन तथा हरियाणा वेयर हाऊस कार्पोरेशन द्वारा 42 हजार 263 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि जो भी किसान मंडी में आए, वह अपने क्रमानुसार ही आएं ताकि समय पर उनकी फसल की खरीद हो सके। उन्होंने कहा कि किसान खेतों में फानों में आग न लगाएं। इससे जहां प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है, वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे फसल अवशेषों में आग न लगाकर उनका सही तरीके से प्रबंधन करें।
