
इंद्री 26 जून, अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. किरण गिरधर के आदेशानुसार स्थानीय सिविल अस्पताल में नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित 10 वर्ष से लेकर 19 वर्ष के बच्चों को नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया गया। इस नशा मुक्ति कार्यक्रम में सिविल अस्पताल के नशा काउंसलर सम्राट सिंह व अजय सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि लोगों को नशे से होने वाले नुकसान एवं नशे के बचाव के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से नशा मुक्ति दिवस हर वर्ष मनाया जाता है।
सम्राट सिंह नशा कांउसलर ने बताया कि मुख्यतः: नशे के प्रति युवा वर्ग आकर्षित होते हैं, जिसका मुख्य कारण प्रयोग, मजे के लिये, अन्यों से प्रेरित होकर या जिज्ञासावश नशा करना है। सामाजिक तौर पर नशे करने वाला व्यक्ति अपने नशे की जरूरत को पूरा करने के लिये चोरी या कई बार बडे अपराध भी करता है। उन्होंने बताया कि लोगों को बताया कि नशे के कारण हमारा तन, मन व धन तीनों को हानि होती है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यदि हमें अपने बच्चों, परिवार व समाज को बचाना है तो नशे जैसी बुराईयों पर पाबंदी लगानी होगी और नशा बेचने वाले नशा तस्करों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने होंगे। यदि कोई व्यक्ति नशा आदि बेचने का काम करता है तो उसकी सूचना तुरन्त पुलिस को दें ताकि समय रहते नशे जैसी बुराई से बचा जा सकें। उन्होंने कहा कि युवा देश की धरोहर है, इसलिए युवा नशे जैसी बुराई से दूर रहकर शिक्षा, खेलकूद, व अन्य सामाजिक गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर अपने प्रदेश व देश का नाम रोशन कर सकते हंै। उन्होंने ने लोगों का आह्वान किया कि सामाजिक संस्थाएं, ग्राम पंचायतें, युवा कल्ब व गांव में गठित कमेटियां नशा मुक्ति पखवाड़ा अभियान में अपना पूर्ण सहयोग दें, ताकि इस नशा मुक्ति अभियान में पूर्ण रूप से सफलता पाई जा सके।
अजय सिंह नशा कांउसलर ने सलाह दी है कि नशे का प्रयोग करने वाले व्यक्ति के खिलाफ हमें अपनी आवाज उठानी चाहिये, कैम्पस् व कार्यशालाओं के माध्यम से उन्हें जागरूक करना चाहिए जिससे वे नशे से बचें। यदि कोई व्यक्ति अधिक व्यसन में फंस गया हैं तो उसे पुनर्वास या चिकित्सीय सलाह द्वारा भी नशा छोडने के लिये प्रेरित कर सकते हैं, इसके साथ ही संतुलित पोषण, व्यायाम व योगा द्वारा भी व्यक्ति का नशे से ध्यान हटाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नशीली दवाओं या पदार्थों का सेवन करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। नशे में पड़ने के बाद व्यक्ति का नशे को छोड़ पाना कठिन हो जाता है तथा हमें प्रयास करना चाहिये कि हम आरम्भ से ही बच्चों को नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताये व जागरूक करें। उन्होंने कहा कि ड्रग्स का सेवन या ड्रग्स की लत एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है, ड्रग्स की लत हर आयु के लोगों को प्रभावित करती है तथा ड्रग्स की लत के कारण भूख और वजन, कब्ज, चिन्ता का बढ़ना और चिड़चिड़ापन, नींद आना और कामकाज की हानि का गंभीर नुकसान होता है। अधिकतर बच्चे नशा गलत संगत के चलते आरम्भ करते हैं तथा हमें आने वाली पीढी को आरम्भ से ही सभी प्रकार के व्यसनों से बचाना होगा। उन्होंने बताया कि युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए सरकार द्वारा विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसके तहत आज आपके गांव में जागरूकता कार्यक्रम करके नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
इस मौके पर डॉ. दीपक, डॉ. राजेन्द्र कुमार,डॉ. सुरभि काम्बोज, फार्मासिस्ट नवीन कुमार, एलएचवी राजदुलारी, विपिन कुमार, ब्लाक आशा कॉर्डिनेटर सरोजबाला, विमलकुमार आदि उपस्थित रहें।
