
गुरुग्राम ; Covid के खौफ से हरियाणा के गुरुग्राम में एक महिला ने खुद को अपने बेटे के साथ बीते 3 साल से घर में बंद कर रखा था। उसने अपने रिश्तेदारों और पति से भी दूरी बना ली थी। पड़ोसियों को भी यही लगता था कि घर खाली है। कभी- कभी रसोई में हल्की लाइट जलती दिखती थी या फिर बहुत हल्की आवाज आती थी। महिला ने यह सब इसलिए किया कि उसे लगता था कि कोविड संक्रमण कहीं उसे और उसके बच्चे को अपनी चपेट में न ले ले।
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मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग, बाल कल्याण विभाग कर्मियों और पुलिस ने मुख्य दरवाजा तोड़कर घर में प्रवेश किया व मां-बेटे को बाहर निकाला। दोनों का इलाज चल रहा है। मां-बेटे के घर में बंद होने की जानकारी होने पर पड़ोसी भी हैरान हैं।
महिला ने अपने रिश्तेदारों से संपर्क रखना बंद कर दिया था। हालांकि पति ने उसे समझाने के लिए रिश्तेदारों का भी सहारा लिया। उसने मुनमुन की माता-पिता व अन्य रिश्तेदारों से बात कराई, लेकिन वह तब तक घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं हुई। उसकी एक मात्र शर्त यही रही कि वह तब तक बाहर नहीं आएगी जब तक कोविड वैक्सीन नहीं आ जाती। अब तक 12 साल से कम उम्र के बच्चों की वैक्सीन नहीं आई। फिलहाल उनका बेटा 10 साल का है।
चाइल्ड वेलफेयर कमिटी से संपर्क किया और शिकायत दी। जिस पर कार्रवाई शुरू हुई और सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
