पं. चिरंजीलाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय मीडिया सेमिनार का आयोजन

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पं. चिरंजीलाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय मीडिया सेमिनार का आयोजन
-सेमिनार में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकांे एवं शोधार्थियांे ने प्रस्तुत किए शोध पत्र
-लोकतंत्र में प्रेस की भूमिका एवं भारतीय मीडिया के राजनीतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयामों पर हुई चर्चा
करनाल: पंडित चिरंजीलाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय में शनिवार को जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग की ओर से एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

उच्चतर शिक्षा निदेशालय, हरियाणा की ओर से प्रायोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने भारतीय मीडिया के राजनीतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयाम विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। सेमिनार के उद्घाटन समारोह में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के स्कूल आॅफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के अधिष्ठाता प्रोफेसर मोहम्मद फरियाद बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए। चैधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डाॅ. अमित सांगवान उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता रहे। प्राचार्या डाॅ. सरिता कुमार ने मंचासीन अतिथिगणों एवं सेमिनार में हिस्सा लेने पहंुचे सभी शिक्षकों और शोधार्थियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मीडिया सेमिनार मीडिया के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए शानदार मंच है। उन्होंने सेमिनार के सफल आयोजन के लिए जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग की प्रभारी डाॅ. रश्मि सिंह एवं उनकी पूरी टीम को

बधाई

दी। डाॅ. रश्मि सिंह ने सेमिनार के थीम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उद्घाटन समारोह में नेशनल सेमिनार के विषयों पर आधारित स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर मोहम्मद फरियाद ने भारतीय मीडिया की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए इसकी वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की संभावनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर लोगों की राय बनाने में मीडिया की अहम भूमिका है। ऐसे में मीडिया को चाहिए कि वह निष्पक्ष रहते हुए महत्वपूर्ण मुद्दों का विश्लेषण करे जिससे एक स्वस्थ लोकतंत्रीय व्यवस्था स्थापित हो। उन्होंने सोशल मीडिया के सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा करते हुए लोकतंत्रीय प्रणाली में इस मंच की उपयोगिता के बारे में बताया।
मुख्य वक्ता डाॅ. अमित सांगवान ने अपने संबोधन में कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ है और लोकतंत्रीय प्रणाली को मजबूती देने में इसकी अहम भूमिका है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आई क्रांति की वजह से सूचनाओं का प्रसार बड़ी तेजी से हो रहा है। हालांकि तकनीक के इस दौर में कई बार गलत सूचनाओं के प्रसार से लोगों में भ्रम की स्थिति भी पैदा हो जाती है जो समाज के लिए काफी घातक है। मीडिया के बाजारीकरण ने भी विषयवस्तु की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित किया है और कई बार मीडिया की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह भी लगे हैं। ऐसे हालात में मीडिया को अंतरावलोकन की जरूरत है। उन्होंने मीडिया साक्षरता के प्रचार-प्रसार पर जोर देने की बात भी कही। डाॅ. अमित सांगवान ने कहा कि हालांकि सोशल मीडिया के बढ़ते दायरे ने नागरिक पत्रकारिता को विस्तृत मंच प्रदान किया है लेकिन इस मंच को और ज्यादा जिम्मेदार बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट क्रांति की वजह से मीडिया का फलक वैश्विक हो गया है और इसकी चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। डाॅ. सांगवान ने कहा कि विदेशी मीडिया में भारतीय समाज एवं संस्कृति की कवरेज नगण्य है और इस पक्ष की तरफ ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
सेमिनार के 4 तकनीकी सत्रों में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, चितकारा यूनिवर्सिटी, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक और चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवं शोधार्थियांे ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
नेशनल सेमिनार के समापन समारोह में महाविद्याल

य की प्राचार्या डाॅ. सरिता कुमार ने सेमिनार के सफल आयोजन के लिए संयोजक डाॅ. रश्मि सिंह एवं पूरी आयोजन समिति को

बधाई

दी। उन्हांेने सेमिनार में हिस्सा लेने वाले शोधार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए। जनसंचार विभाग के प्राध्यापक श्री दिनेश गुप्ता ने सेमिनार में पहंुचे सभी मेहमानों, शिक्षकों, शोधार्थियों एव विद्यार्थियों का आभार प्रकट किया।