
उपायुक्त ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता, अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश।
करनाल || उपायुक्त अनीश यादव ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पुलिस अधीक्षक पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया, जिला न्यायवादी डॉ. पंकज, समिति के सदस्य पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा. धर्मेंद्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलौड़, आईटीआई करनाल के प्रिंसिपल धर्मेंद्र, गैर सरकारी सदस्य जयपाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में उपायुक्त ने जिला कल्याण अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि पीडि़तों को समय पर मुआवजा उपलब्ध करवाना आपके विभाग की जिम्मेदारी है। इस कार्य में बेवजह मामलों को लंबित न रखें। पीडि़त व्यक्ति से जो भी जरूरी दस्तावेज लेने होते हैं, उनसे निजी तौर पर सम्पर्क करके समय पर दस्तावेजों को एकत्रित करें और उन्हें सरकार की योजना का लाभ देना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस विभाग या कोर्ट संबंधित दस्तावेजों को भी समय पर प्राप्त करें और प्रार्थी को एक सप्ताह के अंदर अधिनियम के तहत आर्थिक सहायता मुहैया करवाएं। उपायुक्त ने जिला कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि वे अगली बैठक में एजेंडा सही ढंग से बनाकर लाएं तथा डाटा भी अपडेट होना चाहिए|
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बैठक में पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने बताया कि एफआईआर, चालान व न्यायालय के निर्णय से संंबंधित दस्तावेज ई-कोर्ट पोर्टल पर उपलब्ध रहते हैं। वहां से संबंधित दस्तावेज ऑनलाईन प्राप्त किए जा सकते हैं, इंतजार न करें, पीडि़त व्यक्ति को समय पर मुआवजा दिलवाएं।
इस अवसर पर जिला कल्याण अधिकारी कृष्णा भारद्वाज ने बताया कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति के पास अक्तूबर 2022 माह से लेकर गत माह तक 25 केस आए हैं, जिनमें से 10 मामलों में पीडि़तों को मुआवजा दिया जा चुका है, 6 मामलों में आपसी समझौता हो चुका है, 4 मामलों में दस्तावेजों का अभाव है, 2 मामले कवर न होने के कारण रद्द हुए हैं तथा 3 मामलों की मंजूरी मिल चुकी है, जल्द ही उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
झूठी शिकायत करने वाली प्रियंका के खिलाफ मामला दर्ज
